भारत-आकृतिक प्रदेश
1.
भारत के सम्पूर्ण क्षेत्रफल
का 11% भाग पर्वतीय,18% भाग पहाड़ी 28%भाग पठारी तथा 43%भाग मैदानी है।
2.
भारत,भू-आकृतिक विज्ञान के
आधार पर इसे चार भागों में बांटा गया है ।
A. उत्तरी प्रवतीय प्रदेश
B. दक्षिण का पठार
C. दोनो(उत्तरी प्रवतीय प्रदेश दक्षिण का पठार) के मध्य का विशाल मैदान
D. तटवर्ता मैदान एवं द्विप समुह
A. उत्तरी प्रवतीय प्रदेश
B. दक्षिण का पठार
C. दोनो(उत्तरी प्रवतीय प्रदेश दक्षिण का पठार) के मध्य का विशाल मैदान
D. तटवर्ता मैदान एवं द्विप समुह
3.
उत्तर का पर्वतिय प्रदेश
पश्चिम मे जम्बु काश्मीर से अरुणांचल प्रदेश तक फैला हुआ है। इसकी लम्बाई लगभग
2500 km तक है।(पूर्व, 200 km की अपेक्षा पश्चिम 500 km में अधिक चौड़ा है,इसका कारण पश्चिम की अपेक्षा
पूर्व में अधिक दबाव का होना है )
4.
टेथिस सागर को हिमालय का
गर्भ कहा जाता है।
5.
हिमालय, इसका निर्माण
अल्काइन भू-संचालन के तहत टर्शियरी काल में हुआ था।
6.
उत्तर पर्वतीय प्रदेश को
तीन भागो में बांटा गया है
I.
हिमालय का
प्रवतीय प्रदेश
>.हिमालय का प्रवतीय प्रदेश,
I.
वृह्द हिमालय या आंतरिक
हिमालय
II.
लघु हिमालय या हिमांचल
श्रेणी
III.
उप हिमालय या शिवालिक
श्रेणी
>. वृह्द हिमालय या आंतरिक हिमालय, यह सिंधु नादी के गार्ज से अरुणांचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र
नदी के मोड़ तक फैला हुआ है। (विश्व की
सर्वाधिक उंची चोटिया इसी श्रेणी में पाई जाती हैं)
7. हिमालाय को सर्वोच्च शिखर माउण्ट एवरेस्ट
है जिसकी लम्बाई 8848 mtr है.
8. भारत का सर्वोच्च शिखर K2 है जो P.O.K का हिस्सा है।
9. भारत में हिमालय की सर्वोच्च चोटी
कचनजंघा है जो सिक्कम में है
>. लघु हिमालय
या हिमांचस श्रेणी , यह दक्षिण में स्थित है
इसकी चौड़ाई 80 से 100 km है तथा इसकी औसत
उंचाई 3700 से 4500 mtr तक है।
इसके
अन्तर्गत आने वाली श्रेणियाँ।
1.
पीरपंजाल श्रेणी, इसका
विस्तार झेलम और व्यास के मध्य में है पीरपंजाल श्रेणी में बनिहाल और पीरपंजाल दर्रा है।
2.
धौलाधार श्रेणी, अलकनंदा बद्रिनाथ के पास वृहद हिमालय को पार करती है।
3.
नागटिब्बा श्रेणी, जहाँ काली गण्डक धौलागिर चोटी के समिप वृहद हिमालय को काटती
हे,वहाँ नागटिब्बा श्रेणी पश्चिम की और निकल जाती है।
4.
माहभारत श्रेणी, इसका विस्तार नेपाल में है।
>.
वृह्द हिमालय या आंतरिक हिमालय और लघु हिमालय या हिमांचल श्रेणी के मध्य दो खुली
घाटियों का विकास हुआ है।
1.काश्मिर
की घाटी और 2. काठमांडू की घाटी
>. उप
हिमालय या शिवालिक श्रेणी, उप हिमालय या शिवालिक श्रेणी हिमालय के दक्षिण में स्थित है। इसका विस्तार पश्चिम में पंजाब के पोटवार बेसीन से प्रारम्भ होकर पूर्व में कोसी नदी तक
है। उप हिमालय या शिवालिक श्रेणी को हिमालय से अलग करने वाली पश्चिम में दून तथा
पूर्व मे द्वार कहतॆ है।
II. ट्रांस हिमालय का प्रवतीय प्रदेश; ट्रांस हिमालय का प्रवतीय प्रदेश,यह महान हिमालय के उत्तर में है।इसके अन्तर्गत आनें वाली श्रेणियाँ क्रमशः काराकोरम,लद्दाख,जस्सकर एवं कैलाश है। काराकोरम को उच्च एशिया का ऋढ़ कहा जाता है।
II. ट्रांस हिमालय का प्रवतीय प्रदेश; ट्रांस हिमालय का प्रवतीय प्रदेश,यह महान हिमालय के उत्तर में है।इसके अन्तर्गत आनें वाली श्रेणियाँ क्रमशः काराकोरम,लद्दाख,जस्सकर एवं कैलाश है। काराकोरम को उच्च एशिया का ऋढ़ कहा जाता है।
III.
पूर्वांचल की
पहड़ीया प्रदेशःयह उत्तर पूर्वी राज्य में फैली है।
>. भारत के प्रमुख दर्रे,
1. जोजील दर्रा, यह जम्मी-काश्मिर राज्य के जस्सकर श्रेणी मे स्थित है।
2. बनिहाल दर्रा, यह जम्मी-काश्मिर राज्य में है।
3. शिपकीला दर्रा, यह हिमांचल प्रदेश में है।
4. बड़लाचा दर्रा , यह हिमांचल प्रदेश में है।
5. रोहतांग दर्रा, यह हिमांचल प्रदेश में है।
6. माना-नीति दर्रा,यह उत्तरा खण्ड में है।
7. नाथूला दर्रा,यह सिक्किम में है।
8. जैलेप्ला दर्रा, यह सिक्किम में है।
>. दक्षिण का पठार,यह विश्व का प्राचीनतम पठार है।यह आर्कियन काल के चट्टान से बना हुआ है तथा इसका कोई भी भाग अभी तक समुद्र के नीचे नहीं डूबा है।
1. जोजील दर्रा, यह जम्मी-काश्मिर राज्य के जस्सकर श्रेणी मे स्थित है।
2. बनिहाल दर्रा, यह जम्मी-काश्मिर राज्य में है।
3. शिपकीला दर्रा, यह हिमांचल प्रदेश में है।
4. बड़लाचा दर्रा , यह हिमांचल प्रदेश में है।
5. रोहतांग दर्रा, यह हिमांचल प्रदेश में है।
6. माना-नीति दर्रा,यह उत्तरा खण्ड में है।
7. नाथूला दर्रा,यह सिक्किम में है।
8. जैलेप्ला दर्रा, यह सिक्किम में है।
>. दक्षिण का पठार,यह विश्व का प्राचीनतम पठार है।यह आर्कियन काल के चट्टान से बना हुआ है तथा इसका कोई भी भाग अभी तक समुद्र के नीचे नहीं डूबा है।
>. अरावली पर्वत,यह एक अवशिष्ट पर्वत है यह विश्व के
प्रचीनतम मोड़दार प्रवतों में से एक हैं।अरावली की लंम्बाई 1100 किमी. है,जो
दिल्ली से अहमदाबाद तक फैली है। अरावली
की सर्वोच्च शिखर गुरू शिखर है।
>. पश्चिम घाट पर्वत, पश्चिम घाट पर्वत हिमालय के बाद भारत
की दूसरी सबसे बड़ी पर्वत श्रेणी है। इसकी लम्बाई 1500 किमी. है।
पश्चिम घाट पर्वत को हम सहयाद्री के नाम से भी जानते हैं।यह दो भागों में
बटा है,उत्तरी सहयाद्रि(जिसकी उपरी सतह निक्षेप से बनी है) तथा दक्षिणी
सहयाद्रि(का निर्माण आर्कियन चट्टान से हुआ है)....दोनों का विभाजक रेखा 16 degree उत्तरी अक्षांस रेखा
है जो गोआ से गुजरती है।
1. उत्तरी सहयाद्रि का सर्वोच्च शिखर “कालुसुबाई” है जिसकी लम्बाई 1646 मीटर है।
2. दक्षिणी सहयाद्रि का सर्वोच्च शिखर “कुद्रेमुख” है
3. “पुष्पगीरि” दक्षिणी सहयाद्रि का दूसरा सर्वोच्च शिखर है इसी के पास से कावेरी नदी निकलती है।
1. उत्तरी सहयाद्रि का सर्वोच्च शिखर “कालुसुबाई” है जिसकी लम्बाई 1646 मीटर है।
2. दक्षिणी सहयाद्रि का सर्वोच्च शिखर “कुद्रेमुख” है
3. “पुष्पगीरि” दक्षिणी सहयाद्रि का दूसरा सर्वोच्च शिखर है इसी के पास से कावेरी नदी निकलती है।
>. नीलगिरी
पहाड़ी स्थलाकृतिक गाँठ है, जहाँ पूर्वि घाट एवं पश्चिमी घाट पर्वत आकर मिलते है.
1. नीलगिरी का सर्वोच्च शिखर डोडाबेट्टा है जो 2623 मीटर है।
* यह दक्षिण भारत की दूसरी सर्वोच्च शिखर है।
2. दक्षिण भारत का सर्वोच्च शिखर अन्नाईमुड़ी है जिसकी लम्बाई 2695 किमी. है। * जो अन्नामलाई पर्वत का चोटी है। अन्नामलाई पर्वत, नीलगिरी के दक्षिण मे केरल और तमिलनाडु की सीमा पर उत्तर-दक्षिण दिशा में फैला है.
3. अन्नामलाई पर्वत के दक्षिण में कर्डेमम की पहाड़िया हैं।
4. कोडईकनाल दक्षिण भारत की पालनी पहाड़ी पर स्थित है जो एक स्वस्थवर्धक स्थान है।
5. उंटी(उटकमंडल) नीलगिरी पहाड़ी पर स्थित है।
6. जरस्प्पा(महात्मागाँधी) जल प्रपात शरावती नदी पर स्थित है जो भारत की सबसे बड़ी जलप्रपात है।
1. नीलगिरी का सर्वोच्च शिखर डोडाबेट्टा है जो 2623 मीटर है।
* यह दक्षिण भारत की दूसरी सर्वोच्च शिखर है।
2. दक्षिण भारत का सर्वोच्च शिखर अन्नाईमुड़ी है जिसकी लम्बाई 2695 किमी. है। * जो अन्नामलाई पर्वत का चोटी है। अन्नामलाई पर्वत, नीलगिरी के दक्षिण मे केरल और तमिलनाडु की सीमा पर उत्तर-दक्षिण दिशा में फैला है.
3. अन्नामलाई पर्वत के दक्षिण में कर्डेमम की पहाड़िया हैं।
4. कोडईकनाल दक्षिण भारत की पालनी पहाड़ी पर स्थित है जो एक स्वस्थवर्धक स्थान है।
5. उंटी(उटकमंडल) नीलगिरी पहाड़ी पर स्थित है।
6. जरस्प्पा(महात्मागाँधी) जल प्रपात शरावती नदी पर स्थित है जो भारत की सबसे बड़ी जलप्रपात है।
>. दक्षिण भारत के
प्रमुख दर्रे,
1. थाल घाट - यह नासिक को मुम्बई से जोड़ता है
2. भोर घाट - यह पुणे को मुम्बई से जोड़ता है।
3. पाल घाट - यह कोच्चि को चेन्नई से जोड़ता है.
4. सेनकोटा दर्रा – यह तिरुवन्तपुरम को मदुरै से जोड़ता है।
1. थाल घाट - यह नासिक को मुम्बई से जोड़ता है
2. भोर घाट - यह पुणे को मुम्बई से जोड़ता है।
3. पाल घाट - यह कोच्चि को चेन्नई से जोड़ता है.
4. सेनकोटा दर्रा – यह तिरुवन्तपुरम को मदुरै से जोड़ता है।
>. पूर्वी घाट पर्वत, इस पर्वत श्रंखला का विकास उड़िसा से
तमिलनाडु तक है।
1. पूर्वी घाट पर्वत का सर्वोच्च शिखर विशाखापत्तनम चोटी है। (1680 मीटर)
2. महेद्रगिरी इसकी दूसरी प्रमुख चोटी है जिसकी लम्बाई 1501 मीटर है।
1. पूर्वी घाट पर्वत का सर्वोच्च शिखर विशाखापत्तनम चोटी है। (1680 मीटर)
2. महेद्रगिरी इसकी दूसरी प्रमुख चोटी है जिसकी लम्बाई 1501 मीटर है।
>. भारतीय प्रयद्विपय पठार की आन्तरिक पहाड़ियाँ,
1. सतपुड़ा पर्वत माला महादेव तथा मैकाल पर्वत श्रेणियों का समूह है।
2. सतपुड़ा पर्वत एक ब्लाक पर्वत है जिसके उत्तर किनारे पर नर्मदा तथा दक्षिण किनारे पर ताप्ती नदी घाटी है। *ब्लाक पर्वत, किसी स्थलीय भाग के दोनो ओर के स्थलखण्डों के नीचे धंस जाने से बीच के भाग उपर उठ जाते हैं जिन्हें ब्लॉक पर्वत कहते हैं
3. सतपूड़ा पर्वत माला का सर्वोच्च शिखर “धूपगढ़” है जो महादेव पहदेव पहाड़ी पर स्थित है।
4. मैकाल पहाड़ी का सर्वोच्च शिखर अमरकंटक है। अमरकंटक से नर्मदा और सोन नदी नीकलती हैं।
5. पंचमढ़ी धूपगढ़ के पास है जो एक स्वास्थ्यवर्धक स्थान है।
6. धुआँधार प्रपात नर्मदा नदी पर है।
7. आन्तरिक पहाड़ियों में दूसरी प्रमुख पर्वतमाला विंध्याचल पर्वतमाला है। इसके समूह में विंध्याचल,भांडेर,कैमुर और पारसनाथ शामिल है।
1. सतपुड़ा पर्वत माला महादेव तथा मैकाल पर्वत श्रेणियों का समूह है।
2. सतपुड़ा पर्वत एक ब्लाक पर्वत है जिसके उत्तर किनारे पर नर्मदा तथा दक्षिण किनारे पर ताप्ती नदी घाटी है। *ब्लाक पर्वत, किसी स्थलीय भाग के दोनो ओर के स्थलखण्डों के नीचे धंस जाने से बीच के भाग उपर उठ जाते हैं जिन्हें ब्लॉक पर्वत कहते हैं
3. सतपूड़ा पर्वत माला का सर्वोच्च शिखर “धूपगढ़” है जो महादेव पहदेव पहाड़ी पर स्थित है।
4. मैकाल पहाड़ी का सर्वोच्च शिखर अमरकंटक है। अमरकंटक से नर्मदा और सोन नदी नीकलती हैं।
5. पंचमढ़ी धूपगढ़ के पास है जो एक स्वास्थ्यवर्धक स्थान है।
6. धुआँधार प्रपात नर्मदा नदी पर है।
7. आन्तरिक पहाड़ियों में दूसरी प्रमुख पर्वतमाला विंध्याचल पर्वतमाला है। इसके समूह में विंध्याचल,भांडेर,कैमुर और पारसनाथ शामिल है।
>.प्रायद्विपीय भारत के पठारः- मालवा का पठार,बुंदेलखण्ड का पठार,बघेलखण्ड का पठार ,छोटा नागपुर का
पठार,दक्कन का पठार,दण्कारण्य का पठार,मेघालय का पठार,दक्कनलावा पठार,तेलांगना का
पठार,मैसूर का पठार
>. भारत का विशाल मैदानः-सिंध का मैदान,पंजाब का मैदान,राजेस्थान का मैदान,गंगा का मैदान,ब्रह्मपुत्र का मैदान।
>. भारत का विशाल मैदानः-सिंध का मैदान,पंजाब का मैदान,राजेस्थान का मैदान,गंगा का मैदान,ब्रह्मपुत्र का मैदान।
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