राजपूताना...राणा सांगा से शेर शाह सुरी तक (महत्वपूर्ण तथ्य)
1. 1509 में राणा रायमल के
देहांन्त के बाद उसका पुत्र राणा सांगा गद्दी पर बैठा और उसके समकछ ही 1511 में
महमूद शाह खिलजी(2) मालवा का तथा महमुद शाह बैगड़ा का बेटा मुज्जफ़र शाह बेगड़ा
गुजरात की गद्दी पर बैठा.
2. राव वीका ने 1488 में
वीकानेर की स्थापना कर के अपनी सीमा उत्तर में सिरसा से हिसार तक पहुंचा दी।
3. आंबेर मे राणा सांगा का
समकालिन पृथ्वीराज कछवाह मेवाण का सांमन्त था
4. 1526 में बाबर और
इब्राहिम लोदी के बीच में पानीपत का युद्ध हुआ था जिसमें बाबर की जीत और यह जीत मुगल सलतन्त की नीव रखने में सहायक सिद्द हुई।
5. 1527 में खानवा
मे बाबर और राणा सांगा के मध्य युद्ध हुआ जिसमें बाबर की जीत हुई और भारत का
मुस्तकबिल पुरी तरह मुगलों के हाथ में आ गई।
6.
30 जन.1528 को राणा सांगा
की मृत्यू कालपी में हुआ
7. 1530 में हुमायू दिल्ली की
तख्त पर बैठा।
8. 24 जन.1542 को दिल्ली के
तख्त पर शेर शाह सुरी बैठा
9. “मुठ्ठी भर बाजरे के खातिर मैं हिन्दुस्तान का राज
इस मरुभुमी मे खोने चला आया था”….शेर शाह सुरी
10.
22 मई 1545 बुन्देलखन्ड के
वीजय के कलंजर मे असमय शेर शाह सुरी का देहान्त हो गया।
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