प्राक् ऐतिहासिक काल से ऐतिहासिक काल तक

प्राक् ऐतिहासिक काल आद्द ऐतिहासिक काल
(पाषाण काल से हड़प्पा सभ्यता तक) (हड़प्पा सभ्यता से 600
B.Cतक)
(600 B.C के बाद)
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- मनुष्य के उद्भव का समय 10-14 मिलियन B.C पूर्व माना जाता है .
- · प्रथम मानव अवशेष 4.2 मिलियन B.C वर्ष पूर्व माना जाता है (ऑफ्रिका में).
- · भारत का प्रथम अवशेष पूरूष रामापिथेकस तथा महिला शिवापिथेकस को माना जाता है.
- · भारत में इनका अवशेष शिवालिक की गोंद में माना जाता है.
- · इस काल को तीन भागो में बांटा गया है
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10 लाख वर्ष से 50 लाख ईसा पूर्व वर्ष माना जाता
है.
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इस समय का मनुष्य शिकार पर आधारित था.
मध्य पाषण काल-
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50,000-10,000 ईसा पूर्व तक माना जाता है.
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ये लोग पत्थर के पालिश दार औजारों का प्रयोग
करते थे.
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इस युग
में मनुष्य स्थाई हौ गया था.
नव पाषाण काल-
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10,000 ईसा पूर्व से ऐतिहासिक युग तक माना जाता
है.
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नावपाषाण काल को नियोलिथिक के नाम से जाना जाता
है.
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सर्वप्रथम इसका प्रयोग जॉन लुबॉक ने किया था.
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ये लोग कृषि पशुपालन तथा मृदभांड का निर्माण
करना आरम्भ कर दिये थे
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Mills Bulkit के अनुसार कृषि,पशुपालन तथा मृदभांड
शुरू कर दिये थे.
इसके पश्चात भारत में एक नये सभ्यता का उदय हुआ जो ताम्रपाषणिक भूमि पर स्थित था
जिसे जाना जाता है, |
- हड़प्पा सभ्याता एक जटिल विषय है,
- हड़प्पा सभ्याता ताम्र पाषाणिक पृष्ठभूमि पर है
- कुछ इतिहास विद्दो का मानना है कि ये आर्यों के पूर्वज ही थे.
- कुछ इतिहास विद्दो का मानना है कि ये सुमेरी सभ्यता पर आधारित है.
- हाइने-गेल्दन जैसे विद्दो को मानना है कि ये सभ्यता यकायक उत्पन्न है गई थी,उत्तखनन कर्ता को खुदाई से पूर्ववर्तिय विकास का कोई प्रमाण नहीं मिलता है.
- हड़प्पा सभ्याता का क्षेत्रफल 1299600 वर्ग किमी है
- बलूचिस्तान तथा सिंध के उत्खनन से यह सिद्ध होता है की वहाँ पूर्व में कृषि पर आधारित संस्कृति थी, जो प्रमाण है नवपाषाण काल का.
हड़प्पा सभ्याता
के विकास को देखते हुए तीन भागो में बांटा गया है
-
आरम्भिक हड़प्पासभ्याता
(3500-2600 ई.पू.)
पूर्व विकसित हड़प्पासभ्याता
(2600-1800 ई.पू.)-
उत्तर हड़प्पासभ्याता
(1800 के बाद)
हड़प्पा सभ्यता*
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समाजिक स्थिति-
धार्मिक स्थिति-
1-हड़प्पा संस्कृति के लोग मानव,पशु तथा
वृक्ष को भगवान की उपासना के लिये प्रयोग मे लाते थे.
2-आज के हिन्दू धार्मिक रीती रिवाज पर कुछ आधारित समाज थी
|
1-कृषि- सैन्धवों लोग में कृषि की प्रधानता थी,सैन्धव लोगो का गेहूं, जौ प्रमुख फसलें थी
2-चावल के अवशेष (लोथल और
रंगपुर से)तथा आंटा पिसने की चक्की (लोथल
से) प्राप्त हुए जो इस बात के परिचायाक हैं की वो चावल और आंटा
से परचित थे
3-कृषि के लिये प्रस्तर और कास्य के औजार
प्रयोग में लाये जाते थे कालीबंगा से जुते खेत तथा बनवाली से मिट्टी का हल
मिला है
4-कपास की खेती के प्रमाण मिला है
पतन-
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Note-
हड़प्पा टीले
का उल्लेख सर्वप्रथम चार्लस मेसन ने सन् 1826 में किया था
2 हड़प्पा सभ्याता
का रहस्योदघाटन जॉन ब्रंटन ताथा
विलियम ब्रंटन ने 1856 में किया था
3 जॉन
मार्शल नें 1924 में इस सभ्यती की घोषण की थी.
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