भारत के संविधान से
कैबिनेट मिशन योजना,1946 के अन्तर्गत
2. भारतीय संविधान के उद्धेश्यों
को प्रतिविम्बित करता है
संविधान की प्रस्तावना
3. संविधान के किस भाग में तीन
सोपान में पंचायत बनाने की परिकल्पना है
भाग 9
4. संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार
थे
बी.वी.एन
5. संविधान प्ररुप समिति के
सदस्य क्रमशः
डॉ. अम्बेडकर,के.एन.मुशी एन.जी.अयंगार
6. भारतीय संसद में शामिल है
दोनो सदन और भारत के
राष्ट्रपति
7. रज्यपाल की नियुक्ति होती है
भारत के राष्ट्रपति द्वारा
8. भारत के मुख्य निर्वाचन
आयुक्त की कार्यकाल
6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु-जो पहले हो
9. भारत के नियंत्रक एवे
महालेखा परीक्षक को नियुक्त करता है
भारत का संविधार
10. स्वर्ण सिंह समिति के संतुति
पर भारत के संविधान में जोड़ा गया
मूल कर्तव्य (42 संसोधन)
11. किस वाद में उद्देशिका को
संविाधान का भाग कहा गया है
बम्बई बनाम यूनियन ऑफ इण्डिया
12. पंचायती राज का शुभारम्भ
राजेस्थान से
13. उत्तर प्रदेश में पंचायती
राज संस्था में महिलाओं के लिये आरक्षित स्थान
एक तिहाई
14. ओशोक मेहता समिति ने
"पंचायती राज" के लिये प्रतिमान की संस्तुति
द्धि-स्तरीय
15. भारत में गरीबी अनुमानों का
आधार है
परिवार का उपभोग व्यय
16. विकास का राष्ट्रिय मॉडल
किसके हित की बात करता है
व्यक्ति और राज्य
17. भारत के संविधान में 11वीं अनुसूची में
पंचायतों के लिये कुल विषय
29 है
18. राष्ट्रिय ग्रामीण स्वास्थ्य
मिशन किस पंचवर्षिय योजना की देन है
10 वीं
19. भारतीय संविधान में राज्य के
निति निर्देश तत्वों की संक्लपना है
आयरलैंड से
20. तेन्दुलकर समिति ने भारत में
गरीबी रेखा के नीचे की जनसंख्य का अनुपात
37.2
किसने कहा था ?
- "स्वराज्य ब्रिटिश पार्लयामेंट की
भिक्षा नहीं होगी, यह भारत की स्वयं की गई घोषड़ा होग।
यह सत्य है कि इसे पार्लयामेंट के ऐक्ट के अधीन अभिव्यक्त किया
जायेगा किन्तु यह भारत के लोगो की इच्छा की घोषणा का विनम्र अनुमोदन मात्र
होगा जैसा की दक्षिण अफ्रिका के संघ के मामले में किया गया था-महात्मा गांधी,1922"
- "कांग्रेस स्वतंत्र और लोकतंत्र
राज्य का समर्थन करती है।उसने यह प्रस्ताव किया है कि स्वतंत्र भारत का
संविधान बिना बाहरी हस्थक्षेप के ऐसी सविंधान सभा द्वारा बनाया जाना चाहिये
जो वयस्क मतदान के आधार पर निर्वाचित होॆ-जवाहर लाल नेहरू,1938"
- "जो गरीव लोग इधर-उधार भटक रहे हैॆ,जिनके पास कोई काम नहीं है,जिन्हेॆ कोई मजदूरी नही मिलती और जो
भूख से मर रहे हैॆ,जो निरन्तर कचोटने वाली गरीबी के
शिकार हैं वे संविधान या उसके विधि का गर्व नहीं कर सकते-डॉ राधा
कृष्णन"

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